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News Highlights provides you with the best compilation of the Daily News Highlights taking place across the globe: National, International, Sports, Science and Technology, Banking, Economy, Agreement, Appointments, Ranks, and Report and General Studies

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DAINIK JAGRAN

1.

बचत उत्सव में खरीदें मेड इन इंडिया सामान : मोदी

वर्ष 2017 के जुलाई माह में जीएसटी प्रणाली लागू होने के आठ वर्ष बाद 22 सितंबर से अप्रत्यक्ष कर में सबसे बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इस बड़े बदलाव की पूर्व संध्या में राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदे ने कहा कि आत्मनिर्भर अभियान के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।


2.

एच-1बी वीजा पर एक लाख डालर सिर्फ एक बार देना होगा

एच-1बी वीजा पर एक लाख डालर का शुल्क लगाए जाने के बाद मची अफरा-तफरी के बीच ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह फीस सिर्फ एक बार देनी होगी और नए आवेदन पर लागू होगी। मौजूदा वीजा धारक या नवीनीकरण कराने वाले इसके दायरे में नहीं आएंगे। इससे अमेरिका में काम कर रहे भारतीय आइटी पेशेवरों समेत हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। इससे पहले कहा जा रहा था कि कंपनियों को एच-1बी वीजा रखने वाले कर्मचारियों के लिए हर साल एक लाख डालर (करीब 88 लाख रुपये) का भुगतान करना होगा। वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने शुक्रवार को कहा था कि यह फीस सालाना देनी होगी।


3.

30 सितंबर तक एसआइआर के लिए तैयार रहें चुनाव अधिकारी

चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव अधिकारियों को 30 सितंबर तक मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के लिए तैयार रहने को कहा है। यह इस बात का संकेत है कि चुनाव आयोग अक्टूबर-नवंबर की शुरुआत में मतदाता सूचियों में सुधार का काम शुरू कर सकता है। इस एसआइआर का मुख्य उद्देश्य जन्म स्थान की जांच करके विदेशी अवैध प्रवासियों को बाहर निकालना है। यह कदम बांग्लादेश और म्यांमार सहित विभिन्न राज्यों में अवैध विदेशी प्रवासियों पर कार्रवाई के मद्देनजर महत्वपूर्ण है।


4.

विशेष जरूरत वाले बच्चों को गोद लेने के लिए नहीं उमड़ रही ममता

देश में सैकड़ों बच्चे गोद लिए जाने का इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट और सरकार के प्रयासों के बाद बच्चों को गोद लेने के लिए आगे आने वालों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन विशेष जरूरत वाले बच्चों को स्वीकार करने के लिए ममता उमड़ नहीं रही। दो-तिहाई बच्चे इस श्रेणी में आते हैं।


5.

वैश्विक आर्थिक अड़चनों से निकलने का मार्ग है' स्वदेशी'

जीएसटी सुधारों का नया युग शुरू होने की पूर्व संध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से स्वदेशी अपनाने का आह्वान कर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के दौर से मुकाबला करने का साफ संकेत दिया। आत्मनिर्भरता और समृद्धि का मंत्र देते हुए हर दुकान को स्वदेशी वस्तुओं से सजाने और हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाने की अपील कर प्रधानमंत्री ने परोक्ष मगर दृढ़ता से टैरिफ वार जैसी आर्थिक कारोबारी चुनौतियों से निपटने का विकल्प बताया। स्वदेशी के रास्ते देश को आत्मनिर्भरता के मार्ग पर ले जाने के लिए प्रेरित करने के मकसद से ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा, जब नागरिक गर्व से कहें कि वे भारतीय वस्तुओं का उपयोग और बिक्री करते हैं।


6.

हिंदी चैनलों को उर्दू के उपयोग पर मंत्रालय से कोई नोटिस नहीं : पीआइबी 

सरकार ने मीडिया में आई उन खबरों को रविवार को 'भ्रामक' करार दिया है, जिनमें कहा गया है कि हिंदी समाचार चैनलों को प्रसारण में उर्दू शब्दों के अत्यधिक प्रयोग के लिए नोटिस भेजे गए हैं। पीआइबी फैक्ट चेक यूनिट ने 'एक्स' पर पोस्ट में कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआइबी) ने केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन कानून के तहत एक दर्शक की शिकायत को संबंधित चैनलों को भेज दिया है। अधिकारी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा, यह मंत्रालय का कोई निर्देश नहीं है, बल्कि संबंधित चैनलों के खिलाफ प्राप्त शिकायत को आगे बढ़ाया गया है।


7.

कम होने लगा है अमेरिका व कनाडा जाकर पढ़ने का क्रेज !

अगर आप अमेरिका या कनाडा में पढ़ाई के लिए जाना चाहते हैं तो रवानगी से पूर्व आपके मन में विश्वविद्यालय या पाठ्यक्रम चयन, आवेदन एवं वीजा प्रक्रिया और अन्य तैयारियों को लेकर बहुत से सवाल जरूर आते होंगे। ऐसे ही सवालों को लेकर अमेरिका में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों की पूछताछ में पिछले एक साल में 46 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है, जबकि पिछले दो वर्षों में कनाडा के लिए पूछताछ में लगभग 75 प्रतिशत की कमी आई है। आइडीपी एजुकेशन के अधिकारियों ने इस आशय की जानकारी दी है।


8.

सुधार से समृद्धि

आज यानी 22 सितंबर से देशवासियों को जीएसटी दरों में कटौती का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा। लोगों को यह राहत दूसरी पीढ़ी के सुधारों से मिली है। ये सुधार महंगाई से राहत देने के साथ मांग और खपत के चक्र को वह बूस्ट देंगे, जिसकी दरकार लंबे समय से महसूस की जा रही थी। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत को आठ से 10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी है तो उसे लंबित सुधारों को आगे बढ़ाना ही होगा। श्रम, कृषि, शिक्षा और न्यायिक क्षेत्र में सुधार न होने की वजह से अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे नहीं बढ़ पा रही है। भारत में सुधारों का मुद्दा राजनीतिक रूप से संवेदनशील रहा है, खास कर श्रम और कृषि क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है। तीसरी पीढ़ी के सुधारों को आगे बढ़ाने में राज्यों की भी अहम भूमिका है। ऐसे में तीसरी पीढ़ी के सुधारों को लागू करने के फायदों और इसकी राह में चुनौतियों की पड़ताल आज का अहम मुद्दा है..


9.

सुधारों के अभाव में नहीं हुआ औद्योगिक विकास

उदारीकरण के बाद किए सुधार मुख्य रूप से व्यापार और बाहरी क्षेत्र पर केंद्रित थे। आंतरिक सुधारों के अभाव में औद्योगिक विस्तार रुका रहा। जीडीपी में मैन्यूफैक्चरिंग का योगदान 15-16 प्रतिशत के आसपास ही बना रहा। मजबूत और टिकाऊ औद्योगिक विकास के लिए संरचनात्मक सुधारों की एक नई लहर लाने की जरूरत है।


10.

सतही विमर्श सफलता की गारंटी नहीं

राजनीति में फेक नैरे टिव और आक्रामक आरोपों को केंद्र में रखकर अहम मुद्दों को जैसे किनारे किया जा रहा है, उससे लोकतंत्र की गुणवत्ता प्रभावित होती है


11.

नई आपदा में छिपे नए अवसर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा शुल्क को बढ़ाकर एक लाख डालर यानी करीब 88 लाख रुपये कर दिया है। हालांकि यह नया नियम केवल नए वीजा आवेदकों पर ही लागू होगा। यह कोई वार्षिक शुल्क नहीं है। जिन लोगों के पास पहले से ही एच-1बी वीजा है और जो इस समय अमेरिका से बाहर हैं, उनसे पुनः प्रवेश के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा। जहां ट्रंप ने इस फैसले का बचाव अमेरिकी नौकरियों की सुरक्षा के लिए एक उपाय बताते हुए किया है। साथ ही तर्क दिया है कि आउटसोर्सिंग कंपनियों ने इस कार्यक्रम का इस्तेमाल अमेरिकी कर्मचारियों की जगह सस्ते विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए किया है। वहीं कई अमेरिकी सांसदों और सामुदायिक नेताओं ने ट्रंप के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण और निरर्थक बताते हुए कहा है कि इससे अमेरिकी आइटी उद्योग पर बहुत नकारात्मक असर पड़ेगा। यह अमेरिका को उच्चकोटि के कुशल कामगारों से बंचित करने वाला फैसला है। अमेरिका हर साल 65,000 एच-1बी वीजा और 20,000 अतिरिक्त बीजा देता है। इनमें से लगभग 70 प्रतिशत वीजा भारतीयों को मिलते हैं। एमेजोन, माइक्रोसाफ्ट और मेटा जैसी कंपनियों के हजारों कर्मचारी एच-1 बी पर वहां काम करते हैं। वहीं कई भारतीय कंपनियां जैसे इन्फोसिस, टीसीएस, विप्रो, एचसीएल और काग्निजेंट भी अमेरिका में काम करने के लिए इसी वीजा पर काफी निर्भर हैं। ऐसे में कुशल कामगारों को नियुक्त करने वाली छोटी कंपनियां और स्टार्टअप्स ट्रंप के फैसले से मुश्किल में आ जाएंगे। वीजा शुल्क में इस बदलाव से अमेरिका में भारतीय आइटी इंजीनियरों की नौकरियों पर भी खतरा बढ़ेगा।


12.

दिल का मामला

हा ल में पंजीयन नमूना सर्वेक्षण (एसआरएस) के आंकड़ों में यह बात सामने आई कि देश में होने वाली तीन में से एक मौत दिल से जुड़ी होती है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, क्योंकि हृदय रोग आज भारत में मृत्यु का एक बड़ा कारण बन चुका है। वर्ष 2021 से 2023 के बीच हुए अध्ययन के अनुसार देश में गैर-संक्रामक रोग यानी नान-कम्युनिकेबल डिजीज कुल मौतों का 56.7 प्रतिशत कारण बने। वहीं संक्रामक रोग, मातृत्व, नवजात और पोषण संबंधी स्थितियों से होने वाली मौतों का आंकड़ा 23.4 प्रतिशत दर्ज किया गया। गैर संक्रामक रोगों में हृदय रोग सबसे अधिक खतरनाक साबित हो रहे हैं। कुल मौतों में से 31 प्रतिशत की वजह हृदय रोग पाए गए। यह संख्या आत्महत्या, सड़क दुर्घटना और अन्य कई बड़े कारणों से कहीं अधिक है। खासकर 30 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में हृदय रोग एक गंभीर चुनौती बन गया है। 15 से 29 वर्ष की आयु के बीच आत्महत्या मृत्यु की प्रमुख वजह मानी जाती है, लेकिन 30 वर्ष से ऊपर के लोगों में हृदय रोग मौत का सबसे बड़ा कारण है। ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि हृदय रोग और जीवनशैली से जुड़े रोग किस तरह धीरे-धीरे भारत की आबादी पर गहरी चोट कर रहे हैं।


13.

अमेरिकी फेड दरों में कटौती का प्रभाव

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने हाल ही में ब्याज दरों में एक चौथाई की कटौती की है। यह कटौती ऐसे समय में की गई है जब उसकी स्वायत्तता पर वैश्विक स्तर पर सवाल उठ रहे थे। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फेड रेट में भी भारी कटौती का दबाव बना रहे थे, लेकिन अमेरिकी केंद्रीय बैंक ट्रंप के दबाव में नहीं आया। ऐसे में फेड रेट की इस मामूली ही सही, परंतु जो कटौती की गई है, उससे भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए नए अवसर भी बन सकते हैं


14.

शोधार्थियों को मिले प्रोत्साहन

देश में शोध एवं नवाचार पर कम ध्यान दिया जाता है। चूंकि अनेक क्षेत्रों में हमारे पास शोध-नवाचार की व्यापक क्षमता है, इसलिए समय आ गया है जब हमें इसे प्रोत्साहित करना चाहिए


15.

भारत की विकास यात्रा में निवेश करें निजी कंपनियां

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के चेयरमैन एस महेंद्र देव ने रविवार को कहा कि निजी कंपनियों के पास प्रचुर मात्रा में पूंजी है और अब उन्हें भारत की विकास यात्रा में निवेश करना चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि निवेश और निर्यात देश की आर्थिक वृद्धि को गति देंगे। देव ने कहा कि रोजगार की गुणवत्ता एक मुद्दा है, इसलिए सरकार औपचारिक क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने का प्रयास कर रही है।


16.

वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान पर राज्यों का खर्च पिछले 10 वर्षों में 2.5 गुना बढ़ा

कैग की एक रिपोर्ट के मुताबिक वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान पर राज्यों का खर्च पिछले 10 सालों के दौरान 2.5 गुना बढ़ा है। कैग ने कहा कि 2013-14 में यह 6,26,849 करोड़ रुपये था जो 2022-23 में बढ़कर 2.49 गुना बढ़कर 15,63,649 करोड़ रुपये हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, राजस्व व्यय का एक बड़ा हिस्सा या तो प्रतिबद्ध है या बंधा हुआ है। वेतन, पेंशन और सार्वजनिक ऋण और देनदारियों पर ब्याज भुगतान को 'प्रतिबद्ध व्यय' माना जाता है।


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